स्कूल बस का रंग पीला होता है, और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। पीला रंग सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाला रंग माना जाता है। यह रंग मानव आंखों के लिए सबसे पहले दिखाई देता है, खासकर जब यह वातावरण में हल्की या धुंधली स्थिति में हो। इसी वजह से, पीले रंग की स्कूल बसें सड़क पर अन्य वाहनों और पैदल यात्रियों को आसानी से दिखाई देती हैं। इसके अलावा, यह रंग धूप में भी चमकता है, जिससे बसों की पहचान और भी स्पष्ट हो जाती है।
इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। जब भी कोई स्कूल बस सड़क पर चलती है, तो इसका पीला रंग अन्य ड्राइवरों और लोगों को सतर्क करता है कि इसमें बच्चे यात्रा कर रहे हैं, जिससे वे सतर्कता से गाड़ी चलाते हैं और दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है। इसीलिए, दुनियाभर में स्कूल बसों के लिए पीला रंग सबसे उपयुक्त और सुरक्षित माना जाता है।
स्कूल बसों का रंग पीला होने के पीछे वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारण होते हैं। पीला रंग सबसे पहले 1939 में स्कूल बसों के लिए मानक रंग के रूप में चुना गया था। इस रंग को इसलिए चुना गया क्योंकि यह सबसे तेज़ी से ध्यान खींचता है। जब हम किसी भी दृश्य में पीले रंग को देखते हैं, तो हमारी आंखें और मस्तिष्क उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं। यह रंग दिन और रात दोनों में समान रूप से दिखाई देता है, और इसका चमकदार स्वरूप धुंध या बारिश के समय भी स्पष्ट रूप से नजर आता है।
एक और दिलचस्प बात यह है कि पीला रंग लाल रंग के बाद दूसरा ऐसा रंग है जिसे हमारी आंखें सबसे आसानी से पहचान सकती हैं। इस कारण से, स्कूल बसों को पीले रंग में रंगा जाता है ताकि वे ट्रैफिक में दूसरों के लिए तुरंत पहचानी जा सकें। जब कोई ड्राइवर सड़क पर पीली स्कूल बस देखता है, तो वह स्वाभाविक रूप से सतर्क हो जाता है और धीरे-धीरे वाहन चलाने लगता है, क्योंकि बस में बच्चे हो सकते हैं।
इसके अलावा, पीला रंग बसों को सर्दियों में बर्फीले मौसम में भी अलग से दिखने में मदद करता है, जबकि सफेद या अन्य हल्के रंगों की बसें आसानी से बर्फ में छिप सकती हैं। इस प्रकार, पीला रंग केवल सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिए चुना गया है, जो कि बच्चों की सुरक्षा और सड़क पर अन्य ड्राइवरों की सतर्कता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।